ये कंजुस तो
कंजूसी में अपने बाप का भी बाप निकला
एक दिन एक बहुत
बड़े कजूंस सेठ के घर में कोई मेहमान आया!!
कजूंस ने अपने
बेटे से कहा,
आधा किलो
बेहतरीन मिठाई ले आओ। बेटा बाहर गया और कई घंटों बाद वापस आया।
कंजूस ने पूछा
मिठाई कहाँ है।
बेटे ने कहना
शुरू किया-" अरे पिताजी, मैं मिठाई की दुकान पर गया और हलवाई से बोला कि सबसे अच्छी मिठाई दे दो। हलवाई
ने कहा कि ऐसी मिठाई दूंगा बिल्कुल मक्खन जैसी।
फिर मैंने सोचा
कि क्यों न मक्खन ही ले लूं। मैं मक्खन लेने दुकान गया और बोला कि सबसे बढ़िया
मक्खन दो। दुकान वाला बोला कि ऐसा मक्खन दूंगा बिल्कुल शहद जैसा।
मैने सोचा क्यों
न शहद ही ले लूं। मै फिर गया शहद वाले के पास और उससे कहा कि सबसे मस्त वाला शहद
चाहिए। वो बोला ऐसा शहद दूंगा बिल्कुल पानी जैसा साफ।
तो पिताजी फिर
मैंने सोचा कि पानी तो अपने घर पर ही है और मैं चला आया खाली हाथ।
कंजूस बहुत खुश
हुआ और अपने बेटे को शाबासी दी। लेकिन तभी उसके मन में कुछ शंका उतपन्न हुई।
"लेकिन बेटे तू इतनी देर घूम कर आया। चप्पल तो
घिस गयी होंगी।"
"पिताजी ये तो उस मेहमान की चप्पल हैं जो घर
पर आया है।"
बाप की आंखों मे
खुशी के आंसू आ गए ।
🤣🤣🤣
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